पिछले 10 सालों से भारत में मधुमेह रोगियों की संख्या में चिंताजनक वृद्धि हुई है। आंकड़ों की यह बढ़त आधुनिक जीवन शैली और आहार की अनियमितता की वजह से विकराल हो रही है। लेकिन हम में से बहुत से लोग नहीं जानते कि मधुमेह आखिर है क्या और किन कारणों से यह लगातार फैल रहा है। यह किन लोगों को होता है?
- पारिवारिक इतिहास- यदि दोनों अभिभावक मधुमेह रोगी हों तो संभावनाएं अधिक हैं,
- ज्यादा वजन
- ज्यादा देर तक बैठने वाला काम करना
★ मानसिक तनाव
★ दवाओं की अधिकता की वजह से
★ गर्भावस्था
★ बढ़ती आयु के साथ संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
★ वसायुक्त पदार्थ ज्यादा खाने वाले लोग
★ जिन महिलाओं का बार-बार गर्भपात हुआ हो या जिन्होंने ज्यादा वजन वाले बच्चे को जन्म दिया
★ अत्यधिक प्यास (अति पिपासा)
★ अत्यधिक मूत्र उत्पादन (बहुमूत्रता)
★ अत्यधिक खाना (अति क्षुधा)
★ कमजोरी
★ जख्म देर से भरना
★ हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
मधुमेह कैसे होता है
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।


बड़ा खतरा
डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।