नाड़ी परिक्षण(pulse diagnosis)
नाड़ी परिक्षण पल्स डायग्नोसिस की प्राचीन आयुर्वेदिक तकनीक है जो शरीर में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक असंतुलन का सटीक निदान कर सकती है। यह एक गैर-इनवेसिव विज्ञान है जो बीमारी के मूल कारण तक पहुंचने में मदद करता है न कि सिर्फ लक्षणों के कारण। नाड़ी परीक्षन कलाई, रेडियल धमनी में कलाई पर तीन सटीक स्थानों से प्राप्त संकेतों का उपयोग करके किया जाता है, जो वात, पित्त और कपा के लिए तर्जनी, मध्य और अनामिका का उपयोग करता है।
वैद्य आकाशदीप गुप्ता
हार्डवेयर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित, सहज ज्ञान युक्त सॉफ्टवेयर का उपयोग करते है पारंपरिक नाड़ी परीक्षन को आसान बनाती है। वात, पित्त और कफ स्थानों पर कलाई पर नाड़ी को रिकॉर्ड करने के लिए तीन प्रेशर सेंसर का उपयोग करना, यह वैद्य को मैन्युअल रूप से नाड़ी लेने के तरीके की नकल करता है।