पितृत्व और मातृत्व की भावना इस पूरी दुनिया में सबसे अच्छी भावना है। लेकिन यह दुखद है कि इस आधुनिक दुनिया में बांझपन के मामले बढ़ रहे हैं। इस समस्या के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं जैसे हमारी जीवन शैली, अनुचित खान-पान, व्यस्त कार्यक्रम और आनुवांशिक कारक।
Infertility | Sterility बाँझपन | बन्ध्यापन
जब विवाहित जोड़ा गर्भनिरोधक और कंडोम के इस्तेमाल के बिना कम से कम एक साल या इससे भी अधिक समय तक शारीरिक सम्बन्ध बना रहे हो और उसके बाद भी संतान सुख से वंचित रह रहे हो तो उन महिला या पुरुष दोनों में से किसी एक के साथ infertility (बाँझपन) की समस्या हो सकती है |
बांझपन एक बीमारी है, कोई अभिशाप नहीं । इसका इलाज अन्य बिमारियों की तरह संभव होता
Infertility Causes
पुरुष और स्त्री दोनों में अलग बाँझपन के कारण होते हैं जो की निम्नलिखित हैं
स्त्रियों INFERTILITY CAUSE
स्त्रियों में Infertility के कई कारण हो सकते हैं जो की कई स्वास्थ्य समस्यायों से प्रभावित हो सकती है, जैसे कि :- polycystic ovary disease (PCOD), ENDOMETRIOSIS(GARBH, श्रोणि सूजन की बीमारी, गर्भाशय फाइब्रॉएड, एनीमिया, थायराइड की समस्याएं, (BLOCKED FALLOPIAN TUBE)अवरुद्ध फैलोपियन ट्यूबज़, कैंडिडा और यौन संचारित रोग (एसटीडी), अधिक मदिरा-सेवन, धुम्रपान, आयु (35 वर्ष से अधिक), मोटापा, अत्यधिक-तनाव, अनियमित एवं दर्दपूर्ण मासिक चक्र की समस्या, पोषण-रहित भोजन या फिर अत्यधिक शारीरिक-प्रशिक्षण भी स्त्री की गर्भ-धारण क्षमता को प्रभावित करने के अहम कारण हैं
पुरुषों में INFERTILITY CAUSE
पुरुषों में Infertility की समस्या कई कारणों से हो सकता हैं जैसे की VARICOCEAL (अंडकोषों से रक्त ले जाने वाली रक्तवाहिनी में सूजन आ जाती है, तब वैरीकोसेल होता है। इससे अंडकोषों में पर्याप्त मात्रा में रक्तप्रवाह नहीं हो पाता), प्रजनन क्षमता में कमी, शुक्राणु का कम या नहीं होना है, कभी-कभी शुक्राणु का कमजोर होना या अंडों तक पहुंचने से पहले ही निष्क्रिय हो जाना,अंडकोषों पर गंभीर चोट भी शुक्राणुओं के स्तर को नुकसान पहुंचाती है, शुक्राणुओं के उत्पादन पर गर्मी का बुरा असर पड़ता है, इसलिए अधिक देर तक गर्म तापमान में न रहे, बहुत अधिक तनाव, थकान और अल्कोहल का सेवन भी कामेच्छा पर नकारात्मक असर डालते हैं।
★ 21 दिन से कम समय के अंतराल में पीरियड्स आना.
★ पीरियड्स के दौरान 2 दिन से भी कम समय तक ब्लीडिंग होना.
★ पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना जिसे इंटरमैंस्ट्रुअल ब्लीडिंग कहते हैं. इसे स्पौटिंग भी कहते हैं.
★ मासिकचक्र में पीरियड्स न आना.
★ पीरियड्स 35 दिन के अंतराल से अधिक समय में आना.
★ मासिकचक्र के दौरान अत्यधिक ब्लीडिंग होना.
★ त्वचा में परिवर्तन आ जाना, जिस में अत्यधिक मुंहासे होना सम्मिलित है.
★ सैक्स करने की इच्छा में परिवर्तन आ जाना.
★ होंठों, छाती और ठुड्डी पर बालों का विकास.
★ बालों का झड़ना या पतला होना.
★ वजन बढ़ना.
★ निप्पल से दूध जैसा सफेद डिस्चार्ज निकलना, जो स्तनपान से संबंधित नहीं होता है.
★ सैक्स के दौरान दर्द होना.
★ लिंग (Men’s Penis) में उत्तेजना न आना,
★ उत्तेजना आने के बाद जल्दी शांत हो जाना
★ वीर्य जल्दी स्खलित हो जाना
★ कामेच्छा की कमी
★ संभोग करने के दौरान या करने से पहले घबराहट होना
★ वीर्य की कमी अथवा पतला होना
आयुर्वेद इन लोगों के लिए आशा की नई किरण है क्योंकि आयुर्वेद में विभिन्न जड़ी-बूटियां हैं जो male और female प्रजनन प्रणाली के स्वास्थ्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव डाले बिना प्राकृतिक तरीके से बांझपन को हल करने के लिए ये जड़ी-बूटियाँ बहुत फायदेमंद हैं। यदि आप बीमारियों को हल करने के लिए आयुर्वेद की मदद ले रहे हैं, तो धैर्य होना चाहिए क्योंकि जड़ी बूटियों को अपना प्रभाव दिखाने में समय लगता है, लेकिन वे स्वास्थ्य पर किसी भी दुष्प्रभाव के बिना बीमारी को उखाड़ फेंकते हैं।